UP Board 2020: यूपी बोर्ड परीक्षाओं की कॉपियों का मूल्यांकन पांच मई से शुरू होने जा रहा है। लेकिन लॉकडाउन में जगह-जगह फंसे शिक्षक इसके लिए तैयार नहीं हैं। शिक्षक विधायक सुरेश त्रिपाठी ने उपमुख्यमंत्री और माध्यमिक शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि मूल्यांकन लॉकडाउन के बाद कराया जाए या परीक्षकों के घर कॉपियां भेजकर मूल्यांकन कराया जाए।
विधायक की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि लॉकडाउन 17 मई तक चलेगा। इन परिस्थितियों में यूपी बोर्ड की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन नहीं कराया जा सकता है। वर्तमान समय में सार्वजनिक परिवहन के साधन बंद हैं और शिक्षकों का केंद्रों में पहुंचना कठिन है।मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कि बोर्ड ने कॉपियों के मूल्यांकन के लिए कुल 275 केंद्र बनाए थे। जिनमें करीब 1.47 लाख अध्यापकों से इन कॉपियों का मूल्याकंन किए जाने के लिए नियुक्त किया गया था। अभी तक उम्मीद यह थी कि यदि कॉपियों का मूल्यांक 5 मई से शुरू किया गया, तो लगभग 2 सप्ताह इसे पूरा करके परिणाम जारी कर दिया जाएगा। यूपी बोर्ड परीक्षा 2020 में इस बार लगभग 56 लाख परिक्षार्थी शामिल हुए थे। इन सभी शामिल छात्रों की कापियों की संख्या लगभग तीन करोड़ है।
जिले में 7 लाख 24,481 कॉपियों के मूल्यांकन में 2933 परीक्षक और 295 डिप्टी हेड एग्जामिनर तैनात किए गए हैं। डीआईओएस ज्ञानेंद्र सिंह भदौरिया ने बताया कि जिलाधिकारी की ओर से मूल्यांकन केंद्रों पर थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजेशन की व्यवस्था के लिए नगर स्वास्थ्य अधिकारी और सीएमओ को निर्देशित किया गया है। वहीं मूल्यांकन केंद्रों पर साबुन, सैनिटाइजर, मास्क और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।सोशल डिस्टेंसिंग का हर हाल में ख्याल रखा जाएगा। परीक्षकों के बीच दो मीटर की दूरी होना अनिवार्य है। आवश्यकता पड़ी तो परीक्षकों का रोस्टर तैयार कर उनके मूल्यांकन कार्य कराया जाएगा।
बैठक एमजी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य ओपी सिंह, एमपी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य अरूण सिंह, जुबिली इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य नंद प्रसाद यादव, एमएसआई इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य जफर अहमद और सेंट एंड्रयूज इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य, शिवचरण आदि लोग मौजूद रहे।