उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले 6 तरह के भत्तों को समाप्त करने का फैसला लिया है. मंगलवार को इससे संबंधित आदेश भी जारी कर दिया गया. सरकार के इस फैसले से राज्य के 16 लाख कर्मचारियों को झटका लगा है.
सरकार ने आदेश जारी कर नगर प्रतिकार, सचिवालय भत्ता, पीडब्लूडी के कर्मचारियों को मिलने वाले भत्ते, अवर अभियंताओं को मिलने वाले भत्तों को हमेशा के लिए समाप्त कर दिया. सरकार के इस फैसले से राज्य के कर्मचारियों में असंतोष का माहौल है. कर्मचारी संगठनों का कहना है कि सरकार ने कर्मचारियों के साथ धोखा किया. इन छह प्रकार के भत्तों को खत्म करने से सरकार को एक साल में तकरीबन 1500 करोड़ रुपये की बचत होने का अनुमान है/
- योगी सरकार ने अपने 16 लाख कर्मचारियों को दिया झटका
- कोरोना संकट के बीच 6 तरह के भत्ते खत्म करने का फैसला
बता दें कि नगर प्रतिकर भत्ता एक लाख तक या उससे अधिक आबादी वाले नगरों में तैनात सभी राज्य कर्मचारियों और शिक्षकों को दिया जाता है. फिलहाल राज्य कर्मचारियों को नगरों की श्रेणियों के हिसाब से 250 से लेकर 900 रुपये प्रतिमाह तक नगर प्रतिकर भत्ता दिया जा रहा था.
वहीं, सचिवालय भत्ता सचिवालय में तैनात निचले स्तर से लेकर विशेष सचिव स्तर तक के कर्मचारियों को मिलता था, जिसकी अधिकतम सीमा 2500 रुपये थी. सचिवालय में तैनात कर्मियों के अलावा यह भत्ता राजस्व परिषद में अध्यक्ष और सदस्यों को छोड़कर शेष कार्मिकों और इलाहाबाद हाई कोर्ट में एडीशनल रजिस्ट्रार तक के सभी कार्मिकों को मिलता था.इससे पहले पिछले महीने योगी सरकार ने महंगाई भत्ते पर रोक लगाने का फैसला लिया था. कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को डीए नहीं मिलेगा. कर्मचारियों का 1 जनवरी 2020 से जून 2021 तक का महंगाई भत्ता बंद रहेगा.
योगी सरकार का 16 लाख कर्मचारियों को झटका, खत्म करेंगे 6 तरह के भत्ते
(@ShivendraAajTak )https://t.co/P4UGSgcD7x— AajTak (@aajtak) May 12, 2020
इन भत्तों को खत्म करने का फैसला
- नगर प्रतिकर भत्ता
- सचिवालय भत्ता
- पुलिस विभाग के अपराध शाखा, अपराध अनुसंधान विभाग (सीबीसीआइडी), भ्रष्टाचार निवारण संगठन, आर्थिक अपराध अनुसंधान विभाग, सतर्कता अधिष्ठान, अभिसूचना विभाग, सुरक्षा शाखा और विशेष जांच शाखा में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों को स्वीकृत विशेष वेतन
- अवर अभियंताओं को स्वीकृत विशेष भत्ता
- लोक निर्माण विभाग में तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों को दिया जाने वाला रिसर्च भत्ता, अर्दली भत्ता और डिजाइन भत्ता
- सिंचाई विभाग में तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों को दिया जाने वाला इन्वेस्टिगेशन एंड प्लानिंग भत्ता और अर्दली भत्ता
स्थगित भत्तों को हमेशा के लिए समाप्त करना कर्मचारियों के साथ धोखा
छह भत्तों को हमेशा के लिए समाप्त किए जाने को कर्मचारियों ने अपने साथ धोखा बताया है। उत्तर प्रदेश सचिवालय संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्रा ने भत्ते समाप्त करने पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा कि यह सरासर नाइंसाफी है। जिन भत्तों को स्थगित किया गया था उन्हें हमेशा के लिए खत्म कर दिया गया। कोरोना जैसी आपदा के समय जब सभी कर्मी जी-जान से मेहनत कर रहे हैं, उस समय राज्य सरकार द्वारा ऐसा निर्णय लेना हत्तोत्साहित करने वाला है। इसके विरोध में आंदोलन होगा।